धारा 370 चर्चा में क्यों -
हाल में ही जम्मू- कश्मीर को प्राप्त अनुच्छेद 370 ( विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाला विषय ) न्यूज़ में बना हुआ है मोदी सरकार का यह इस अगस्त माह में तीसरा बड़ा फैसला की अनुच्छेद 370 में प्रदान विशेष अधिकार को समाप्त करने एवं राज्य पुनर्गठन बिल पास करने का रहा
जुलाई माह से ही 370 ख़त्म कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनाने के लिए पहल चल रही थी सेना की तैनाती करीब 10 हजार सैनिक पहले भेजे गया फिर और सैनिक भेजे गए फिर अमरनाथ यात्रा को बीच में ही रोक दी गई और श्रद्धालुओं को वापस बुला लिया गया।
5 अगस्त का वो ऐतिहासिक दिन जिसमे गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में भारी बहुमत से बिल पास कराया
इसके बाद 6 अगस्त को लोक सभा में भी बिल पास हो गया अब राष्ट्रपति के अनुमोदन के साथ यह राज्य पुनर्गठन बिल लागू हो जायेगा जिसमे निम्न महत्वपूर्ण बिंदु है।
जुलाई माह से ही 370 ख़त्म कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनाने के लिए पहल चल रही थी सेना की तैनाती करीब 10 हजार सैनिक पहले भेजे गया फिर और सैनिक भेजे गए फिर अमरनाथ यात्रा को बीच में ही रोक दी गई और श्रद्धालुओं को वापस बुला लिया गया।
5 अगस्त का वो ऐतिहासिक दिन जिसमे गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में भारी बहुमत से बिल पास कराया
इसके बाद 6 अगस्त को लोक सभा में भी बिल पास हो गया अब राष्ट्रपति के अनुमोदन के साथ यह राज्य पुनर्गठन बिल लागू हो जायेगा जिसमे निम्न महत्वपूर्ण बिंदु है।
मुख्य बाते -
- अनुच्छेद 370 में प्रदान विशेष अधिकार को समाप्त किया गया है।
- जम्मू कश्मीर में सुप्रीम कोट के फैसले मान्य होंगे।
- राष्ट्रीय ध्वज का अपमान अपराध माना जायेगा।
- RTE and UT के नियम लागू होंगे।
- लोकसभा में पारित कानून अब जम्मू कश्मीर में भी मान्य होंगे।
- जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित राज्य में बटवारा।
- जम्मू कश्मीर में 5 साल के लिए विधानसभा एवं लद्दाख में उपराजयपाल का शासन होगा।
- जम्मू कश्मीर में अब ज़मीन की खरीदी की जा सकती है।
- कपंनियाँ लगाई जा सकती है।
- जम्मू कश्मीर में भी अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है आदि।
जम्मू कश्मीर का आजादी के बाद का इतिहास -
- 15 अगस्त 1947 की आजादी के बाद भारत के समय रियासतों को आजादी दी गई की वो स्वतंत्र राज्य स्थापित करे या भारत में विलय हो या फिर पाकिस्तान में विलय हो जाये लेकिन जम्मू कश्मीर के राजा हरिसिंह स्वतंत्र रहने का फैसला लिया।
- 26 ऑक्टूबर 1947 में भारत एवं जम्मू कश्मीर के बीच समझौता हुआ कि विशेष अधिकार के साथ जम्मू कश्मीर भारत में विलय के लिए तैयार है क्योकि पाकिस्तानी सेना जम्मू कश्मीर में गुसपैठ करने लगी थी जिससे जम्मू कश्मीर के महाराजा हरिसिंह भारत से मदद मांगी।
- 9 अगस्त 1953 को शेख अब्दुला को 11 साल की जेल हुई और प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा सरकार बर्खास्त कर दी गई क्योकि इनका मानना था कि सरकार ने विश्वास खो दिया है।
- 14 मई 1954 - राष्ट्रपति (राजेंद्र प्रसाद ) के संवैधानिक आदेश पर आर्टिकल 35 A लागू किया जिसमे जम्मू कश्मीर के विधानसभा कानूनों को सुरक्षा प्रदान करता जो विधानसभा ने स्थाई रेजिडेंट को लेकर बनाये थे। इन कानूनों की आलोचना होने लगी क्योकि ये मौलिक अधिकारों का उल्लघन करते थे। इसी साल जम्मू कश्मीर का प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री कहलाने लगे इससे पहले जम्मू कश्मीर में प्रधानमंत्री कहलाते थे।
- 24 फरवरी 1975 में इंदिरा गाँधी व शेख अब्दुल्ला के बीच समझौता -370 के तहत शासन चलता रहेगा।
- मार्च 1987 में फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने।
- मार्च 1989 में लगातार आतंकी हमला मुफ़्ती मोहम्मद सईद को देश का गृह मंत्री बनाया गया तभी उनकी बेटी रुबैया का अपहरण हो गया।
- जनवरी 1990 में जगमोहन को पुनः जम्मू कश्मीर वार्ता हेतु भेजा गया।
- 1999 भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध।
- अप्रैल 2003 - अटल बिहारी वाजपेयी जी की कश्मीर यात्रा -जहां उनके भाषण के मुख्य शब्द थे"अगर हम इंसानियत,जम्हूरियत और कश्मीरियत के सिद्धांत को फॉलो करें तो हर समस्या का हल हो सकता है"
- 2004 -14 प्रधानमंत्री मनमोहन के कार्यकाल में वार्ता - 2010 में तीन वार्ताकारों की नियुक्ति की गई जो थे दिलीप पड़गावकर, एम ए अंसारी , राधा कुमार 2006 में मुशर्रफ़ से न्यूयार्क में वार्ता।
- 2014 -18 में PDP and BJP में गठबंधन मुफ़्ती मोहम्मद सईद मुख्य मंत्री बने कुछ समय बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ़्ती मुख्य मंत्री बानी, बुरहानवनी की मौत हिंसा बढ़ने लगी PDP और BJP के बीच दरार राज्यपाल शासन लागू और फिर राष्ट्रपति शासन।
- जुलाई माह से ही 370 ख़त्म कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनाने के लिए पहल चल रही थी सेना की तैनाती करीब 10 हजार सैनिक पहले भेजे गया फिर और सैनिक भेजे गए फिर अमरनाथ यात्रा को बीच में ही रोक दी गई और श्रद्धालुओं को वापस बुला लिया गया।
- 5 अगस्त 2019 -राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पास।
- 6 अगस्त 2019 लोकसभा में भी बिल पारित अब राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद राज्य पुनर्गठन बिल लागू।
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