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शनिवार, 6 जुलाई 2019

भारत का आम बजट 2019

भारत का आम बजट 2019 

चुनाव के बाद भारत का यह पहला आम बजट है जिसे नरेंद्र मोदी 2.0 नाम दिया गया। 5 लाख करोड़ वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए  नरेंद्र मोदी -2 के पहले बजट ने बड़ी और लोक लुभावन घोषणाओं से बचते हुए केवल उन्ही बिन्दुओ पर ध्यान दिया जो सरकार का मूल मन्त्र है - सशक्त भारत, नया भारत। इस क्रम मे गाँव, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं को तरजीह दी गई है।             
        यह  बजट पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेस किया, निर्मला सीतारमण अपने दो घंटे के भाषण में विभिन्न पहलू पर बात की। सरकार ने इस अवधि के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के
 3.3 फीसद लक्ष्य का एलान किया है, फरवरी में पेश अंतरिम बजट में सरकार ने 3.4 फीसद का लक्ष्य रखा था।
 इस बजट में राजकोषीय घाटा काबू में लेकिन राजस्व घाटा बढ़ा है।


  बजट के मुख्य बिंदु -


  • 2024 तक हर घर जल योजना को लागू करने की घोषणा।
  • शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनेगी, 400 करोड़ रूपये से विश्व स्तरीय संस्थान बनाये जायेंगे। 
  • स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए लगभग 19 प्रतिशत की वृध्दि की गई है। 
  • युवाओ को स्टार्ट अप की ओर प्रेरित करने के लिए स्टार्ट अप टीवी चैनल लॉन्च किया जायेगा।
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से एक करोड़ युवाओं को जोड़ा जायेगा। 
  • 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने के मुख्य बिंदु - बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार निर्माण। आशा, विश्वास और आकांक्षा सरकार का मूलमंत्र। 
  • नया भारत - किसान महिलाएं, युवा, गरीब, मझोले और छोटे कारोबारी बनेंगे विकास का पावर हाउस। 

    पांच बिंदु -

  • बजट में गरीबों के कल्याण और विकास में संतुलन साधने का प्रयास है।  गांव, गरीब, किसानों, का   ध्यान रखा गया तो आधारभूत ढांचे और उद्योगों के विकास पर भी जोर है।
  • खजाना भरने में उच्च आय वर्ग का सहारा लिया है।  दो करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर ३ फीसद और 5 करोड़ से ऊपर आय वालों पर 7 प्रतिशत का सरचार्ज लगाया गया है। 
  • केंद्रीय वित्त मंत्री ने एलान किया कि अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने पर काम होगा।  वही, किसानों के उत्पाद से जुड़े कामों में प्राइवेट आंत्रप्रन्योरशिप को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जायेगा। 
  • मोदी सरकार  ने अपने पहले बजट का उपयोग समग्र सुधारों की दिशा में कदम उठाने में किया और पूरी बेबाकी से एफडीआई से लेकर श्रम कानूनों में सुधार का एलान किया। 
  • सरकार का जोर भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफेक्चरिंग  हब बनाने पर दिखा।  इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लोन पर 1.50 लाख रूपये तक ब्याज पर आयकर में छूट मिलेगी।

    बजट बना बही -खाता 

     मोदी सरकार के नए कार्यकाल के बजट सत्र में कुछ नया हुआ अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण एवं वित्त विधेयक की प्रतियां ब्रीफकेस से निकल कर बही खाते में आ गया।  यह ब्रीफकेस के बजाय लाल कपडे में बंधा बही खाते के रूप में नई परम्परा में आया।
                                      पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में सन 2000 में शाम 5 बजे बजट पेश करने की परम्परा को तोड़ते हुए सुबह 11 बजे बजट पेश किया था।  मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद 2016 में 28 फरवरी को बजट पेश करने की परम्परा तोड़ी थी।

     वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण -

    भारत की पहली वित्त मंत्री का पद भार सँभालने निर्मला सीतारमण ने इस नई सरकार का पहला बजट पेश किया इनसे पहले भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने प्रधान मंत्री पद के साथ वित्त मंत्री का अतिरिक्त कार्यभाल संभाला था,
                                 1984 में जवाहर लाल नेहरू विवि से अर्थशास्त्र में एमफिल किया। इंग्लैंड के एग्रीकल्चर इंजीनियर्स एसोसिएसन के अर्थशास्त्री की सहायक, प्राइस वाटर कूपर्स जैसी संस्था में सीनियर मैनेजर के साथ ही बीबीसी की वैश्विक सेवा में भी काम किया।  शास्त्रीय संगीत बहुत पसंद है।  2017 से 2019 तक रक्षा मंत्री का पद भी संभाला है।

    बजट इतिहास -

    भारत का पहला आम बजट 1860 में जेम्स विल्सन ने पेश किया था।  इन्होने ही आगे चल कर स्टेंडर्ड चार्टर्ड बैंक और इकोनॉमिस्ट पत्रिका की स्थापना की।  1859 में वे पहली बार भारत आये थे।



     

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